शब्द, क़िस्से- कहानियों से। शब्द, सिनेमा साहित्य से।
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शब्दयुग्म - शब्दों का शहर

"लिखते तो वह लोग हैं, जिनके अंदर कुछ दर्द है, अनुराग है, लगन है, विचार है। जिन्होंने धन और भोग - विलास को जीवन का लक्ष्य बना लिया, वह क्या लिखेंगे?
प्रेमचंद

किस्से, बातें और कहानियों की बगिया

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शिकायत
हम सब का जीवन शिकायतों से भरा पड़ा है। हमने स्वयं अपने जीवन को शिकायतों का पिटारा बना रखा है। शिकायत स्वयं से, शिकायत दूसरों से, शिकायत ईश्वर से और तो और शिकायत इस पूरी प्रकृति से।...
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बात 'झुंड' की
नागराज पोपटराव मंज़ूले की ‘झुंड’ एक सिनेमा से बढ़कर वो टेक्स्ट बुक है जिसे हम सभी को कमसकम एक बार तो ज़रूर पढ़ना चाहिए। झुंड जिसे फ़िल्म में बार बार टीम का सम्बोधन दिया गया है,...
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बात "द कश्मीर फ़ाइल्ज़" की
एक के लिए ग्लास आधा ख़ाली है, और दूसरे के लिए आधा भरा। जो जहां से देखे वैसा समझे। सच सिर्फ़ एक है कि ग्लास में पानी है।  ‘द कश्मीर फ़ाइल्ज़’ पिछले ४ दिनों से हाउसफुल...
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बात 'पैरासाइट' की
पैरासाइट एक ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर है, जिसे निर्देशित किया है बोंग जून हो ने। यह एक दक्षिण कोरियाई फ़िल्म है और इस वर्ष के एकेडमी पुरस्कार में चार पुरस्कार जीते हैं जिसमें बेस्ट पिक्चर,...
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बात 'शिकारा' की
This film is a true love letter of Kashmir by Vidhu Vinod Chopra Films  शिकारा के सभी पोस्टर और पहले आधिकारिक ट्रेलर में जो दिखाया गया और जिस तरह की बात हुई वो फ़िल्म से मेल नहीं...
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बात 'कांचली' की
सड़ता पानी पड़तल… नीर बहे सो निर्मल… अपनी-अपनी नजर और अपना-अपना नजरिया…  विजयदान देथा “बिज्जी” की कहानी “केंचुली” के शुरुआती अंश हैं ये,...
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शब्दों का संसार

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आपके शब्दों, सुझावों, समर्थन और प्रतिक्रिया के इंतज़ार में…